ट्राई (TRAI) क्या है और इसके क्या कार्य है ? 

दोस्तों आपने न्यूपेपर या फिर सोशल मीडिया पर ट्राई का नाम जरुर सुना होगा पर क्या आप जानते है की यह ट्राई आखिर क्या है और इसका क्या काम है और इसकी स्थापना क्यों भारत सरकार ने की है ? 

 
TRAI क्या है


TRAI क्या है

इसे हिंदी में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के नाम से जाना जाता है जिसका मुख्य कार्य दूरसंचार पर नियंत्रण करना है . इसकी स्थापना भारत सरकार ने 1997 में की थी . यह भारत में दूरसंचार व्यापार को नियमित रखता है . इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है . 

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TRAI की फुल फोम


ट्राई (TRAI) की फुल फॉर्म है Telecom Regulatory Authority of India . यानी की आपको नाम से ही पता चल गया होगा कि यह एक संस्थान है जो रेगुलेशन का काम करती है टेलिकॉम कंपनियों के ऊपर . जैसे शेयर मार्केट में SEBI , बैंकिंग में RBI Regulator का रोल निभाती है वैसे ही कम्युनिकेशन और इन्टरनेट के क्षेत्र में ट्राई (TRAI) का काम रेगुलेशन (Regulation) का है जिससे कि उपभोगकर्ता के हितो की रक्षा हो सके .

इसके साथ साथ ट्राई (TRAI)  टेलिकॉम कंपनियों और उनके Clients दोनों के हितो की रक्षा करती है  .


ट्राई की ऑफिसियल वेबसाइट 

दोस्तों ट्राई की ऑफिसियल वेबसाइट का लिंक यह है :- https://www.trai.gov.in/ यहा से आप TRAI के बारे में विस्तार से जान सकते है . 

ट्राई (TRAI) के कार्य / Works Of TRAI 

What is TRAI in Hindi and it's Works

* यदि आप अपने टेलिकॉम कंपनी की कोई शिकायत दर्ज करवाना चाहते है तो यह ट्राई (TRAI) में कर सकते है . यदि टेलिकॉम कंपनी उस शिकायत पर दोषी पाई जाती है तो ट्राई (TRAI) उस पर एक्शन लेता है .

* टेलिकॉम कंपनीयो को ट्राई (TRAI) के बताये गये नियमो को पालन करना अनिवार्य है . ट्राई (TRAI) इस बात का ध्यान रखता है कि कोई टेलिकॉम कंपनी उसके नियमो को तोड़ तो नही रही .

* यह यह दूरसंचार सेवा के उपभोक्ताओं (Customers ) के हितों की रक्षा भी करती है .

* यह भारत में और भारत के बाहर दूरसंचार सेवाओ की दरो को अधिसूचित करता है . 

* टेलिकॉम कंपनी की सेवा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना . 

* स्पैक्ट्रम का अच्छे से  प्रबंधन करना .

* नए सेवाप्रदाता को लाइसेंस देना और यह सुनिश्चित करना कि वो सभी नियमो का अनुपालन कर रहा है या नही . 

* टेलिकॉम कंपनियों के प्रॉफिट का एक भाग भारत सरकार को दिलवाना . 

* टेलिकॉम कंपनियों के आपसी विवाद का निवारण  भी TRAI करता है . इसमे कोई टेलिकॉम कंपनी ग्राहकों को लुभाने के मनमानी नही कर सकती है . 

उदाहरण के तौर पर अभी हाल में सभी टेलिकॉम कंपनियों ने अपने अपने  प्लान की रेट्स बढ़ा दी है . यह सभी को इसके निर्देश TRAI द्वारा ही मिले थे . 

* MNP यानी Mobile Network Portability भी TRAI की ही देन है जिससे कोई व्यक्ति अपना नंबर बदले बिना एक टेलिकॉम कंपनी से दूसरी टेलिकॉम कंपनी का ग्राहक बन सकता है . 

*  किसी नए टेलिकॉम कंपनी को मार्केट में उतरने के लिए और दूरसंचार सेवाए देने के लिए TRAI से अनुमति लेनी होती है . 

*   टेलिकॉम कंपनी किस तरह के टावर उपकरण काम में ले रही है , उसकी जांच करके क्वालिटी को पहचानने का काम भी ट्राई (TRAI ) का होता है . 

Conclusion 

तो दोस्तों इस तरह यह था हमारा आर्टिकल - ट्राई (TRAI ) क्या है और इसकी स्थापना क्यों की गयी है . TRAI के मुख्य कार्य क्या है और यह भारत में क्या रोल अदा करता है . 

आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा . इसलिए इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर कीजिये . 

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