राऊटर क्या होता है और यह क्या काम आता है ?

What is Router and What its work ?  Kya Hota Hai Router or Eske Kary 

यह छोटा सा हार्डवेयर नेटवर्किंग  इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जो वायर के द्वारा या वायरलेस तरीके से एक नेटवर्क से दुसरे नेटवर्क में जुड़कर डाटा भेजने का कार्य करता है . यह एक तरह से  माध्यम का कार्य करता है जिसमे पैकेट के रूप में डाटा प्राप्त करता है और फिर इसे आगे फॉरवर्ड करता है . आगे भी यही प्रोसेस चलता रहता है और इसी तरह से आप इन्टरनेट को काम में ले पाते है . 

    मान लीजिये एक ही राऊटर से 5 डिवाइस जुड़े हुए है और वे अलग अलग इनफार्मेशन निकालने की रिक्वेस्ट कर रहे है तब वे सभी इनफार्मेशन राऊटर उन्हें पैकेट के रूप में देता है . सभी डिवाइस को अलग अलग पहचानने के लिए वो आईपी एड्रेस , राऊटिंग टेबल का सहारा लेता है .  


    Router Kise Kahte hai


     

    Types Of Router ? राऊटर के प्रकार

    1) Broadband Router 

    2) Wireless Router 

    3) Core Router 

    4) Edge Router 

    1) Broadband Router 

    ब्रॉडबैंड राऊटर दो या दो से अधिक कंप्यूटर को आपस में जोड़ने के काम में आता है जिससे की वो हाई स्पीड नेट को वायर के द्वारा काम में ले सके .  इसे Broadband Modem के रूप में भी जाना जाता है . 
    पहले के समय में BSNL इसी मॉडेम के द्वारा आपको वायर्ड ब्रॉडबैंड इन्टरनेट देता था . 

    BroadBand Router


    2) Wireless Router :- 

    जब राऊटर कोई नेटवर्क बिना किसी वायर के शेयर करता है तो उसे वायरलेस राऊटर कहा जाता है . इस तरह के राऊटर अपने चारो तरफ एक सिमित रेंज में नेटवर्क दिलेवरी एरिया बनाता है और दुसरे Adapter जो इस एरिया में होते है , इस नेटवर्क को रेडियो सिग्नल द्वारा पकड़ लेते है . अब उन्हें इस नेटवर्क से जुड़ने के लिए सिक्यूरिटी पास करने के प्रोसेस से गुजरना होता है . 

    सिक्यूरिटी पास करने के लिए उन्हें पासवर्ड और IP Address की जरुरत होती है . यदि Adapter सही पासवर्ड डालते है तो वे अपनी रेंज में आने वाले राऊटर से जुड़ जाते है और फिर दोनों आपस में कनेक्ट होकर इन्टरनेट को काम में ले सकते है . 

    इसे समझने के लिए आप अपने स्मार्टफोन को ले सकते है . हर स्मार्टफोन में राऊटर और Adapter दोनों तरह के Hardware कंपोनेट होते है . 

    जब आपको एक फोन से दुसरे फोन में इन्टरनेट चलाना होता है तो आप एक फोन के हॉटस्पॉट के द्वारा और दुसरे के Wifi को कनेक्ट करके नेट चला सकते है

    इस कांसेप्ट में आप वायरलेस राऊटर का ही प्रयोग कर रहे है . 

    3) Core Router 

    जब बहुत सारे राऊटर लगे हुए रहते है तो उन्हें आपस में जोड़ने के लिए Core Router को काम में लिया जाता है . 

    मान लीजिये किसी बहुत बड़ी बिल्डिंग में 70 अलग अलग जगहों पर 70 राऊटर लगे हुए है तब इन डिस्ट्रिब्यूटेड राऊटरस को आपस में मिलाने के लिए जिस बड़े और स्पेशल राऊटर को काम में लिया जाता है .

    Core Router


    4) Edge  Router 

    एज राऊटर एक स्पेशल टाइप का राऊटर होता है जो  ISP (Internet Service Provider) के द्वारा काम में लिया जाता है . यह इंटरनल नेटवर्क को बाहरी नेटवर्क से जोड़ने का काम करता है . यानि की ऐसा राऊटर रेंज को बढ़ाने में काम आता है . यह WAN और इन्टरनेट में बहुत जरुरी होता है . 

    Edge Router


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    Router कैसे काम करता है ?

    राऊटर का काम एक नेटवर्क बनाकर एक पैकेट को एक जगह से दूसरी जगह भेजने का है अर्थात Source से Destination तक पैकेट के रूप में डाटा को भेजने का . 

    Router का काम क्या है ?

    राऊटर एक Hardware Component है जिसका काम नेटवर्क को Share करने के लिए किया जाता है . लोकल एरिया नेटवर्क यानी की LAN में आपको इन्टरनेट शेयर करना है तो आपको राऊटर को काम में लेना ही पड़ेगा .
    यह वायरलेस या वायर्ड दोनों तरह का हो सकता है . जो एक नेटवर्क को दुसरे कंप्यूटर नेटवर्क से जोड़ने का काम करता है . 

    राऊटर हर इनफार्मेशन को पैकेट में कन्वर्ट करता है और फिर इस Packet को आगे Network में फॉरवर्ड करता है . फॉरवर्ड करते समय और Routing Table में चेक करता है कि नजदीकी शॉर्टकट राऊटर कौनसा है . इससे समय भी बचता है . इसके बाद इसी तरह एक नेटवर्क से पता नही कितनी नेटवर्क तक राऊटर अपना काम करता रहता है और सोर्स से डेस्टिनेशन तक इनफार्मेशन पैकेट के रूप में पहुँच जाती है .  

    Router के कार्य FUNCTIONS OF A ROUTER


    अब जानते है कि राऊटर नेटवर्क के क्षेत्र में क्या काम करता है और इससे क्या फायदे होते है . 

    * यह डाटा पैकेट एक नेटवर्क से दुसरे नेटवर्क में भेजता है . लेकिन इसमे सबसे अच्छी बात यह है कि वो सबसे Shortest Path का पता लगाकर यह काम करता है . इससे समय बचता है और इनफार्मेशन तुरंत प्राप्त हो जाती है 

    * राऊटर का दूसरा काम है एक Gateway को बनाना . 

    * यह दो नेटवर्क को आपस में जोड़ने का कार्य करता है . 

    * यह प्रोटोकॉल ट्रांसलेट करने का भी कार्य करता है . 

    * यह डाटा को Sender से Receiver तक Transmit करने का कार्य भी करता है . 

    राऊटर की वायरलेस फ्रिक्वेंसी

    अब बात करे की एक Router की Frequency कितनी होती है और यह किस रेंज तक अपने सिग्नल भेज सकता है 

    तो बता दे कि वाईफाई राऊटर में रेडियो सिग्नल्स का उपयोग किया जाता है जिसकी फ्रीक्वेंसी 2.4GHz और 5GHz के बीच होती है . 5GHz दुगुना ज्यादा अच्छी है In compare to  2.4GHz . इसी कारण इसकी कीमत भी थोड़ी ज्यादा होती है और यह ज्यादा से ज्यादा डिवाइस को सपोर्ट करता है . 

    राउटर के जरुरी कंपोनेंट्स कौन कौन से हैं - Components of Router

    राऊटर एक विशेष तरह का कंप्यूटर कहा जा सकता है जिसमे विशेष  सॉफ्टवेर और हार्डवेयर से यह अपना राऊटिंग का कार्य कर पाता है . आइये जानते है कि एक राऊटर को सपोर्ट के लिए कौनसे Hardware Components की जरुरत होती है . 

    CPU (Central Processing Unit ) :- मित्रो आप यह जो जानते ही होंगे कि कंप्यूटर का सबसे अहम और दिमाग वाला पार्ट CPU को कहा जाता है क्योकि यही सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेर को निर्देश देता है और मैनेज करता है . उसी तरह एक राऊटर में भी एक विशेष तरह का CPU होता है जो उसे Data Packet Routing के कार्य समझाता है . 

    Flash Memory  :- फ़्लैश मेमोरी राऊटर के लिए एक तरह से सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस यानी की हार्ड डिस्क का कार्य करती है जिसमे राऊटर वो डाटा सेव रखता है जो राऊटिंग से जुड़ा होता है . जैसे की Routing Table , Shortest Path , Data Packet Information , Protocols Tables etc . 

    RAM - Random Access Memory  दद RAM का कार्य आप जानते होंगे कि जो कंप्यूटर में टेम्पररी काम आ रहा है , उस डाटा को RAM में रखना . इसी तरह हर राऊटर को भी एक RAM की जरुरत होती है जिसमे वो टेम्पररी जरुरी डाटा को रख सके . 

    RAM में  Routing Tables के साथ साथ ARP Tables, Metrics और बाकी डाटा स्टोर रखता है जिससे की Fast Data Packet एक नेटवर्क से दुसरे नेटवर्क में भेजे जा सके . 

    Non Volatile RAM :- राऊटर में यह दुसरे तरह की RAM होती है जो Non Volatile Type यानी की Permanent होती है . इसमे वो डाटा स्टोर रहता है जो ऑपरेटिंग सिस्टम और स्टार्टअप से जुड़ा होता है . इससे राऊटर का समय बचता है क्योकि राऊटर को जब स्टार्ट किया जाता है तब वो इसी Non Volatile RAM से बूटिंग  डाटा को एक्सेस करता है .

    Network Interfaces :- हर नेटवर्क में बहुत सारे नेटवर्क इंटरफ़ेस काम करता है . और ऑपरेटिंग सिस्टम हर डिवाइस के ड्राईवर की मदद से उन्हें एक्सेस कर पाता है . राऊटर इन सभ जानकारी से ही Accurate Routing का कार्य कर पाता है . 

    Console :- Router को Managing और Configuring करने के लिये  बहुत सारे Console की जरुरत होती है . 

    इस तरह आपने सीखा की Router के जरुरी Components कौनसे है और इनके क्या कार्य होते है . 

    Router से जुड़े FAQ


    प्रश्न 1 इन्टरनेट की दुनिया में राऊटर का क्या काम है ? 

    उत्तर 1 राऊटर का काम है एक नेटवर्क से दुसरे नेटवर्क में इनफार्मेशन का पैकेट बनाकर भेजता है , जिसके कारण डिवाइस में इन्टरनेट चलता है . 

    प्रश्न 2 Wireless Router क्या होता है  ? 

    उत्तर 2  वायरलेस राऊटर का काम होता है बिना वायर के डाटा पैकेट को भेजने का . इसमे किसी भी तरह का कोई वायर काम में नही लिया जाता है . यह रेडियो तरंगो के द्वारा डाटा ट्रान्सफर करता है . 

    प्रश्न 3  Router कितने तरह के होते है   ? 

    उत्तर 3  राऊटर मुख्य रूप से 4 तरह के होते है . Broadband , Wireless, Edge ओर Core राऊटर . 

    प्रश्न 4 Routing किसे कहते है ? 

    उत्तर 4  Routing का मतलब होता है एक पैकेट को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए सबसे Shortest Path का पता लगाना और फिर भेजना . यह काम राऊटर करता है . 

    Conclusion

    इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जान लिया होगा कि राऊटर किसे कहते है और इन्टरनेट की दुनिया में राऊटर का क्या रोल होता है . साथ ही हमने विस्तार से बताया कि राऊटर कितने प्रकार के होते है और Router कैसे काम करते है . 

    आशा करता हूँ इससे  जुड़े इस आर्टिकल (What is Router and Its uses  in Hindi   ) के द्वारा आप यह पूरा प्रोसेस समझ गये होंगे 

     यदि फिर भी आपके कोई सवाल है तो आप कमेंट में हमसे पूछ सकते है . मेरी कोशिश रहेगी कि आपको उनके जवाब दे सकू. 

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