ब्याज क्या होता है ? What is Interest 

What is Simple Interest and Compound Interest in Hindi जब कोई बैंक या गैर बैंकिंग संस्थान (NBFC) किसी व्यक्ति या संस्थान को पैसे उधार देती है तो वो अपने फायदे के लिए उधार दिए गये पैसो के साथ कुछ अलग से रुपए भी वसूली पर चाहती है . यही एक्स्ट्रा रुपए ब्याज कहलाते है . 

उदाहरण के लिए आपने किसी को 5000 रुपए उधार दिया और 2 महीने के बाद वो आपको 5300 रुपए लौटा रहा है तो यह 300 रुपए जो अतिरिक्त है ब्याज कहलायेगा . 

जबकि यहा मूलधन होगा 5000 , 5300 रुपए मिश्रधन होंगे . 

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सरल और चक्रवर्धी ब्याज क्या है

ब्याज कुछ चीजो पर निर्भर करता है - 

समय (Time) - आप जितने ज्यादा समय के पैसा उधार रखते है आपको उतना ज्यादा ही ब्याज देना होता है . 

ब्याज  दर (Rate of Interest):- जितनी ज्यादा ब्याज की दर होगी , उतना ही ज्यादा ब्याज होगा . 

मूलधन (Principal ) - जितना ज्यादा आप पैसा उधार लेंगे उसका ब्याज भी उसी हिसाब से ज्यादा होगा . 

ब्याज से जुड़े जरुरी शब्द - Interest Terms 

मूलधन (Principal Amount )

जब कोई व्यक्ति या संस्थान बैंक या किसी अन्य संस्थान या फिर किसी व्यक्ति से धन उधार लेता है तो उस धन को मूलधन कहते है . 

ब्याज (Interest)

यह वो राशि होती है जो उस व्यक्ति को उस मूलधन के अलावा  देनी होती है . 

ब्याज दर (Rate of Interest)

100 रुपए पर आपको 1 साल के बाद कितना ब्याज देना होगा उसे कहते है ब्याज दर (Rate Of Interest ) . यदि 7 % ब्याज दर है तो इसका मतलब है कि आपको 100 रुपए पर एक साल बाद 107 रुपए देने होंगे . 

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मिश्रधन  (Compound)

जब मूलधन के साथ साथ पूरे ब्याज की राशि मिलाई जाती है तो तो उसे मिश्रधन कहते है . 

सरल ब्याज निकालने का सूत्र - Formula of Simple Interest 

सरल ब्याज = {मूलधन * ब्याज दर * समय (वर्ष में ) } ÷100 

Simple Interest = { Principal Amount * Rate of Interest * Time (Years) } ÷100 


Short Formula 

S.I = (P *R*T)÷100

चक्रवृद्धि ब्याज निकालने का सूत्र - Formula of Compound Interest 

अब जानते है कि चक्रवृद्धि ब्याज निकालने का फार्मूला क्या है - 

चक्रवृद्धि ब्याज = मुलधन*(1+दर/100)समय  - मुलधन 

मिश्रधन = मुलधन*(1+दर/100)समय

C.I = P*(1+R/100)T  - P

Here C.I = Compound Interest 

P= Principal 

R= Rate of Interest 

T= Time in years 

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चक्रवृद्धि ब्याज

इस तरह के ब्याज में मूलधन के साथ ब्याज की राशि जुड़ती रहती है . और हर साल मूलधन बढ़ता जाता है 

इसे हम एक उदाहरण से समझते है . 

मान लीजिये आपने 2 साल के लिए 20,000 रुपए 10% की ब्याज दर पर  किसी से उधार लिए और आपके बीच में चक्रवृद्धि ब्याज तय हो गया तो 

पहले साल के बाद 

ब्याज -  2000 रुपए हो जायेगा ( मूलधन * दर * समय /100  )

अब दुसरे साल के लिए मूलधन हो जायेगा मूलधन + ब्याज = 20,000 + 2000  = 22,000

दुसरे साल के बाद 

ब्याज - 2200 

मिश्रधन - मूलधन + 2200 = 22,000 + 2200 = 24,200 रुपए 

अत: 2 साल में कुछ चक्रवृद्धि ब्याज हुआ आपका 4,200 रुपए 

यदि यह सरल ब्याज पर केस होता तो यह ब्याज होता - 4000 रुपए . 

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सरल ब्याज को समझने के कुछ उदाहरण 

केस 1 -  

मूलधन - 5000 

ब्याज  दर - 15% 

समय - 5 वर्ष  

सरल ब्याज  = {मूलधन * ब्याज दर * समय (वर्ष में ) } ÷100  

सरल ब्याज  = {5000* 15 *5 ) } ÷100  = 3750 Rs . 

तो केस 1 में आपने समझा कि मूलधन जब 5000 था और ब्याज दर 15%  और समय  5 वर्ष  तो ब्याज हुआ - 3750 Rs . 

केस 2 -  

मूलधन - 1000 

ब्याज  दर - 5.8% 

समय - 5 वर्ष  

सरल ब्याज  = {मूलधन * ब्याज दर * समय (वर्ष में ) } ÷100  

सरल ब्याज  = {1000* 5.8 *5 ) } ÷100  = 290 Rs . 

तो केस 2 में आपने समझा कि मूलधन जब 5000 था और ब्याज दर 15%  और समय  5 वर्ष  तो ब्याज हुआ - 

चक्रवृद्धि  ब्याज को समझने के कुछ उदाहरण 

केस 3 -  

मूलधन - 5000 

ब्याज  दर - 5% 

समय - 2 वर्ष  

चक्रवृद्धि ब्याज = मुलधन*(1+दर/100)समय  - मुलधन 

चक्रवृद्धि ब्याज = 5000 *(1+5/100)2  - 5000 

चक्रवृद्धि ब्याज = 5512  - 5000 

 चक्रवृद्धि ब्याज = 512 Rs 

 इस तरह आपने देखा कि सरल ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज कैसे निकालते है . 

Conclusion :- 

दोस्तों इस आर्टिकल का उद्देश्य आपको बताना था कि सरल और चक्रवृद्धि किसे कहते है और उनके सूत्र क्या है , साथ ही हमने आपको कुछ गणितीय गणना द्वारा बताया कि कैसे मूलधन से ब्याज और मिश्रधन निकाला जाता है . 

आशा करता हूँ इससे  जुडी सभी जरुरी जानकारिया आपको मिल गयी होगी फिर भी आपके कोई सवाल है तो आप कमेंट में हमसे पूछ सकते है . मेरी कोशिश रहेगी कि आपको उनके जवाब दे सकू. 

और ऐसी ही बहुत सारी ज्ञानवर्धक पोस्ट के लिए आप TechGyan Website के Sitemap पेज को देख सकते है . 

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