बच्चो में बचपन से ही अच्छे संस्कार कैसे डाले ?
How to teach good manners to child in hindi . हर माता पिता का यह फर्ज होता है कि अपने बच्चो का लालन पालन अच्छे से करे , साथ ही उसमे शुरू से अच्छे संस्कार डाले जिससे वो परिवार से , समाज से , राज्य से और देश से प्रेम करे और बड़े होकर अच्छा नाम कमाए .
अच्छे संस्कार एक व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी होते है और सुख का मार्ग खोलते है . यह एक दिन में नही कमाए जाते बल्कि यह तो स्वभाव के साथ ही हर दिन बढ़ते रहते है . अत: बचपन से ही अच्छे संस्कार को अपनानाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है .
हम सभी जानते है कि बच्चे की पहली गुरु उसकी माँ और पहला स्कूल उसका परिवार होता है जहां से ही वो शुरू में सीखना शुरू करता है .
बचपन से ही सिखाये अच्छे गुण
बालक के बचपन से ही उसे अच्छाई , बुराई , गुण अवगुण , देव और दानव आदि की जानकारी देनी शुरू कर देनी चाहिए . उसके छोटे छोटे अच्छे कार्यो के लिए उसकी तारीफ़ करनी चाहिए . यदि वो कुछ गलती करे तो तो उसे प्रेम से समझाए कि वो क्यों गलत है . यह कार्य यदि बचपन से ही माता पिता और उसका परिवार करने लग जाए तो बच्चे में सद्गुणों का विकास होना शुरू हो जाता है .
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धर्म का ले सहारा
व्यक्ति को धर्म का भी सहारा लेना चाहिए क्योकि धर्म तो टिका हुआ है अच्छाई पर है . बच्चे को यह ज्ञान जरुर देना चाहिए की हम सभी को ईश्वर ने अच्छे कार्य करने के लिए भेजा है और ईश्वर हम सभी पर हर पल नजर रखे हुए है .
हम अकेले में कितना ही गलत कर ले , वो सब ईश्वर से छिपा हुआ नही है . उसे समझाए कि ईश्वर उन्ही लोगो से खुश होते है जो अवगुणों से दूर और मानवता को अपनाते है .
इसके लिए आप उसे श्री राम का चरित्र , कृष्ण की शिक्षा , महावीर , गौतम बुद्ध की कहानियाँ सुनाये और हर दिन उसमे सद्गुणों को विस्तार करे .
साथ ही उसने बताये कि दुनिया में पाप क्या है और कौनसे काम करने से इंसान को पाप लगता है .
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संगत का रखे ध्यान
आपका बच्चा जब थोडा बड़ा हो जाता है तो वो बाहरी परिवेश में जाने लगता है . नए नए दोस्त उसकी क्लास में और स्कूल में बनते है . घर पर हो सकता है आपने उसमे संस्कार अच्छे से डाले हो पर स्कूल में दोस्तों के साथ वो अपनी लाइन बदल सकता है .
सबसे पहले तो अपने बच्चे और अच्छे और बुरे को जांचना सिखाये जिससे कि यदि गलत बच्चा उसे अवगुण सिखाये तो वो खुद को उस लड़के से दूर कर सके और उसे भी सद्गुणों की तरफ ला सके .
अपने बच्चे से दोस्त की तरह होकर बात करे और स्कूल के बारे में और उसके दोस्तों को बारे में जाने .
हो सके तो आपके बेटे या बेटी के दोस्त से भी आप भी मिले और उन्हें जज करे .
ध्यान रखे खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है और संगत का बहुत ही ज्यादा असर होता है . यदि संगत अच्छे लोगो के बीच होगी तो सद्गुण आयेंगे और संगती ही गलत लोगो में है तो फिर उसके दुष्प्रभाव पड़ेंगे . बच्चो की संगति अच्छे गुणी दोस्तों में कराये .
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फोन से रखे दूर ?
आज कल बच्चो का सबसे पहला खिलौना स्मार्टफोन बन चुके है . इसमे वो गेम और यूट्यूब विडियो पर लगे पड़े रहते है . ज्यादा फोन को काम में लेने बच्चे एकांत पसंद करने वाले बन जाते है और उन्हें दुसरे लोगो से बहुत ही कम बात कर पाते है . साथ ही सोशल मीडिया वेबसाइट पर वे गलत बातो पर ध्यान केन्द्रित करना सीख लेते है .
अत: बच्चो को कम से कम ही मोबाइल दे .
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बोलने का लहजा सिखाये
आपने सुन ही रखा होगा कि इंसान कैसा है इसका पता उसकी जुबान से चल जाता है . वो कैसे बड़ो से , बराबर वालो से और छोटो से बात करता है . उसके बात करने में क्या तर्क वितर्क रहते है . उसकी बातो से गुण या अवगुण बरसते है .
बचपन से ही माता पिता अपने बच्चे के बोलने के तरीके पर ध्यान देना चाहिए . उसे सिखाये की हर किसी की इज्जत करे और सभी से प्रेम से बात करे .
यदि हम जी कह कर सामने वाले से बात करेंगे तो वो भी हमें जी कह कर ही जवाब देगा . यदि हम किसी से इज्जत की उम्मीद करते है तो पहले हमे उसे इज्जत देनी होगी .
सिर्फ बड़ो को ही नही बल्कि छोटो को भी सम्मान देना चाहिए .
यह दुनिया एक आईने की तरह है जैसे हम आईने में क्रोध के भाव से देखेंगे तो हमें आईने में क्रोध का भाव ही नजर आएगा और उसमे हम मुस्कुराते हुए देखेंगे तो आईने में मुस्कुराने का भाव ही नजर आएगा .
दुसरो में चीजे बांटना सिखाये
सबसे अच्छी चीज है कि अपने बच्चो को स्वार्थी बनने से रोके , उन्हें यह गुण जरुर सिखाये जिसे हम कहते है शेयरिंग करना . जब वे चीजो को शेयर करना सीख लेंगे तो इससे उनका अपनापन जरुर दिखाई देगा और यह उनके लिए बहुत ही अच्छा गुण होगा .
स्कूल में भी अपने दोस्तों के साथ टिफिन शेयर करना , स्टेशनरी शेयर करना सिखाये .एक दुसरे की हेल्प करना सिखाये .
गुणों को जांचे ?
अब समय समय पर यह पता लगाते रहे जो सवाल हम आपसे निचे पूछ रहे है ? उसके उत्तर पर आपको पता चलेगा कि बच्चा कितना संस्कारी है या नही .
- क्या आपका बच्चा झूठ बोलता है ?
- क्या आपका बच्चा जीवो पर और जरुरतमंदों पर दया करता है और त्याग दिखाता है ?
- दुसरे बड़े लोगो के सामने आपका बच्चा कैसा व्यवहार करता है ?
- क्या आपका बच्चा भगवान को मानता है ?
- क्या आपका बच्चा छोटो को भी सम्मान देता है ?
- क्या आपके बच्चे को समय और धन के मोल का पता है ? क्या वह इन्हे व्यर्थ खराब करता है .
- आपके बच्चे के लिए माता पिता और परिवार की कितनी इज्जत है और क्या वो आपका आज्ञाकारी है ?
सारांश
तो मित्रो आपने जाना कि कैसे आप बच्चो में अच्छे गुण डाल सकते है और इसके लिए कौन कौन सी बातें माता पिता को जाननी चाहिए . बच्चो में संस्कार होंगे तो आपकी पूरी पीढ़ी पर इसका फर्क पड़ता है और अच्छा परिवार बनता है .
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